मुजाहिद आर्मी बनाकर देश में शरीयत कानून लागू करने की साजिश, आतंकियों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर
Mujahideen Army Gang
लखनऊ : Mujahideen Army Gang: ATS ने मुजाहिदीन आर्मी नाम के संगठन से जुड़े 5 आरोपियों को कोर्ट से 8 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया है. एटीएस ने उन्हें 29-30 सितंबर को गिरफ्तार किया था. पकड़े गए आरोपी पूरे देश में मुजाहिदीन आर्मी बनाकर शरीयत व्यवस्था लागू करना चाहते थे. हिंदू धर्म गुरुओं और उनके अनुयायियों की हत्या का प्लान तैयार कर रहे थे. यूपी एटीएस ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा केरल के मल्लपुरम से इस मामले में शामिल पांच आरोपियों को पकड़ा था.
UP ATS (आतंकवाद निरोधक दस्ता) ने 29 सिंतबर को अकमल रजा पुत्र मो. शराफत अली, सुल्तानपुर, सफील सलमानी उर्फ अली रजबी पुत्र मीर मोहम्मद, निवासी रॉबर्ट्सगंज सोनभद्र, मो. तौसीफ पुत्र इसरार अहमद निवासी-63ए, सुजातगंज, नई बस्ती, घाटमपुर, कानपुर, व कासिम अली पुत्र बब्बू शाह, निवासी-सत्राय कदीम, थाना-खजुरिया, रामपुर को गिरफ्तार किया था.
7 अक्टूबर से पुलिस रिमांड पर : 30 सितंबर को एटीएस ने सरगना मोहम्मद रजा पुत्र जाबिर अली मूल निवासी अंडौली जनपद फतेहपुर, उत्तर प्रदेश वर्तमान निवासी मल्लपुरम केरल को हिंसात्मक जिहाद के माध्यम से लोकतान्त्रिक सरकार को हटाने, शरिया लागू करने, हथियार खरीदने व मुजाहिद्दीन आर्मी बनाने आदि के संबंध में गिरफ्तार किया था. सभी आरोपियों को एटीएस/एनआईए कोर्ट लखनऊ से 7 अक्टूबर से पुलिस कस्टडी रिमांड पर दिया है.
केरल से पकड़ा गया मास्टरमाइंड : गिरोह के मास्टरमाइंड मोहम्मद रजा को ATS ने केरल के मल्लपुरम से दबोचा. अधिकारियों के मुताबिक, मोहम्मद रजा ने केरल में अपना ठिकाना बनाया था. प्रदेश के कई जिलों में कट्टरपंथियों का गिरोह सक्रिय होने की जानकारी मिली थी. सूचना मिली थी कि यह गिरोह पाकिस्तान के संगठनों से प्रभावित होकर देश में हिंसात्मक जिहाद के जरिये सरकार को गिराने की साजिश रच रहा है.
हिंदू धर्म गुरुओं की हत्या की बना रहे थे प्लानिंग : एटीएस अधिकारी के मुताबिक, आरोपियों का टारगेट हिंदू धर्म गुरुओं की हत्या कर प्रदेश की कानून-व्यवस्था को खुली चुनौती देना था. इसके लिए कट्टरपंथी मानसिकता वाले लोगों को इस आर्मी से जोड़ रहे थे. ताकि उनके साथ मिलकर धर्म गुरुओं पर हमला कर सकें.
'अली रजवी यानी मौत का मुसाफिर' का लगाय था स्टेटस : सफील सलमानी को जब एटीएस ने गिरफ्तार किया तो उसके मोबाइल व सोशल मीडिया की जांच की गई. उसके पिछले कुछ दिनों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही थी. सलमानी ने अपने व्हाट्सएप के प्रोफाइल पर खुद को 'अली रजवी यानी मौत का मुसाफिर' लिखता था और सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय था.
हथियारों का कर रहे थे बंदोबस्त : वहीं, अकमल ने नेटवर्क बढ़ाने के लिए 'मशवरा' नामक ग्रुप बनाया था. जिसमें देश के खिलाफ जिहाद और शरीयत लागू करने की साजिश रची थी. वह अपने साथियों से मुजाहिद्दीन आर्मी तैयार करने की अपील कर रहा था और चैट में देश की संवैधानिक और प्रजातांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ भड़काऊ संदेश साझा कर रहा था. शरिया कानून लागू कराने और जंग-ए-जिहाद के लिए हथियारों का बंदोबस्त भी किया जाना था. इसके लिए समान विचारधार वाले लोगों से आर्थिक मदद भी मांग रहे थे.